मैं अपने ब्लॉग की शुरआत डा. अनवर जमाल के विचारों से सहमत हो कर लिख रहा हूँ।
अपने लेख में उनका सवाल बिलकुल सही है और उसका जवाब देना भड़ास बिग्रेड और उनकी पूरी टीम का परम कर्तव्य बनता है उनको अपने कर्तव्य का पालन करते हुए यह बताना चाहिये कि वह कौन सी तकनीक या विधि है जिसकी वजह से
* शासक वर्ग लोगों को उनका वाजिब हक़ अदा करने के लिये खुद को बाध्य महसूस करे?
* और जनता जो मिले उस पर संतुष्ट हो जाये, फ़ालतू आंदोलन करके बवंडर खड़ा न करे ?
* और सबसे बड़ी बात यह कि ‘वाजिब हक़‘ क्या है यह कौन तय करेगा ?
* शासक या जनता ?
यह हक़ केवल ईश्वर अल्लाह का है लेकिन अगर आप उसका यह हक़ स्वीकार नहीं करते तो फिर आप यह काम अंजाम देकर दिखाएं। उसपर लोगों को संतुष्ट करके दिखाएं।
( डाo अनवर जमाल साहब के लेख से प्रेरित )
25 comments:
राष्ट्रवादी चिपलूनकर और सुधारवादी अनवर जमाल भी एकमत हो सकते हैं अगर मुसीबत उनके चेले पर पड़ जाये । वह दोनों को गुरूतुल्य कहता है।
अब यह पता नहीं कि उनका गुरू है कौन ?
जिनके तुल्य इन दोनों को उनके साझा शिष्य महक जी मानते हैं ।दोनों ने उन्हें समझाया परंतु उनकी समझ में तो तब आये जब वे समझना चाहें।जब उन्हें अपने गुरूओं के दिशा निर्देश को मानना ही नहीं है तो काहे को दिखावे के लिये उन्हें गुरूतुल्य कहकर उनके हाथ में इज्जत की लॉलीपॉप थमाते हैं जी ?
अनवर जमाल जी मेरे विचार भांप रहे हैं और समय उपयुक्त पाकर उनका अंतिम संस्कार करेंगे, वाह।हम इंतिजार करेंगे उस समय का, बिल्कुल पक्का।खुद वेद और रामायण में कमियां बताएं तो रिसर्च और सच कहलाये और वही काम हम कहलायें तो वे हमपर गुर्रायें, ठीक भी है, पठान रूलिंग क्लास में ही तो आता है, क्षत्रिय ही तो ठहरा।
ab aayen to sahi mahak ji ?
I am waiting for you , ...
aapke shraddhey ji ke vachanon ka dil khol kar swagat karne ke pichhe ek khas maksad hai .
jab ye hot men pahunchegi ...
tab najar padegi un teeno ki aapke blog par...
... aur tab aapka nahin balki mere vichaar padhegi duniya.
main bhi nahin bhulta aur chot wahan se karta hun jahan chot pade to bilbila jaye aadmi .
Aao ab khelen khel, aao , aao .
अच्छा लेख, गिरी जी और अनवर जी द्वारा आयोजित दिल्ली ब्लोगर मीट में आपसे मुलाकात हुई थी, तब आपसे कुछ मुद्दों पर बातें भी हुई थी, जो की बेहतरीन थी. सार्थक और समाज के हितों पर लिखे जाने वाले लेखों की उम्मीद के साथ आपके ब्लॉग का स्वागत है.
आपसे अनुरोध है की एक ही नाम से फर्जी सन्देश लिखने वालों के के संदेशो को तथा Word Verification हटा दें, ताकि पढने तथा कमेंट्स देने वालो को आसानी हो.
शाहनवाज भाई सही कह रहे हैं Word Verification हटा दें
GOOD
अच्छा लेख,
अरे !!! मेरा प्रिय भाई सत्य गौतम यहाँ भी मेरा इन्तेज़ार कर रहा है और सिर्फ इन्तेज़ार ही नहीं बल्कि मुझे चुनौती भी दे रहा है( लगता है पिछली पोस्ट पर उसकी धोने में कुछ कमी रह गई तभी बेचारा शिकायत कर रहा है ),खैर मैंने तो ये मैंने आज देखा है जब अनवर अहमद जी ने अनवर जमाल जी की latest post पर कमेन्ट किया है
चलिए बेचारे की अंतिम इच्छा तो पूरी करनी ही पड़ेगी सो कर देते हैं
मेरे प्रिय सत्य गौतम जी
लीजिये मैं फिर आ गया आपकी प्रशंसा करने ,आपने मुझे चमचे के पद्द से सुशोभित किया ,इसके लिए आपका बहुत-२ धन्यवाद ,अब थोडा सुशोभित मैं भी आपको कर दूं
राष्ट्रवादी चिपलूनकर और सुधारवादी अनवर जमाल भी एकमत हो सकते हैं अगर मुसीबत उनके चेले पर पड़ जाये । वह दोनों को गुरूतुल्य कहता है।
ये क्या भई !! सुरेश जी और अनवर जी से इतना भय की उनके एक बार आपके ब्लॉग पर पधारते ही आपकी पेंट गीली हो गयी और आपको कभी राहुल और कभी anonymous बनकर खुद के कमेंट्स और अपना मोरल support बढ़ाना पड़ा, छी !! छी !! अब आप बच्चे नहीं रहे हैं ,ये बचपन वाली आदत छोडिये, वैसे सच बताऊँ आप जैसे खुद को बुजदिल कहने वाले इंसान से मुझे यही उम्मीद थी जिसे आपने बखूबी पूरा किया
क्या कभी सुरेश चिपलूनकर और अनवर जमाल एकराय हो सकते हैं ?
बिलकुल हो सकते हैं , भई !! अब हर एक की मानसिकता आपके जैसी घ्रणित थोड़े ही होती है की किसी की सही बात को भी गलत कह दो और वो भी सिर्फ इसलिए की वो बात आपका विपक्षी कह रहा है, इन दोनों महान ब्लोग्गेर्स के आपस में चाहे हज़ार मतभेद सही लेकिन जब भी आपके जैसा कोई भी घटिया मानसिकता का ब्लॉगर समाज को और राष्ट्र को बांटने की कोशिश करेगा तो आपको हर बार ये नज़ारा देखने को मिलेगा , its an promise ,आखिर दुष्टों का अंत करने के लिए सज्जन व्यक्तियों को एक होना ही पड़ता है
अनवर जमाल जी मेरे विचार भांप रहे हैं और समय उपयुक्त पाकर उनका अंतिम संस्कार करेंगे
इस पुण्य कार्य के लिए मैं ही काफी हूँ ,अनवर जमाल जी की तो आप एक फूंक भी ना सह पायेंगे , बताइये सिर्फ एक बार उनके आने से ही आपको दस्त लग गए हैं तो जब वो मेरी तरह आपकी तारीफ करने बार-२ आयेंगे तब क्या होगा ? हे प्रभु ! स्वयं भू सत्य गौतम जी की रक्षा करें
चिपलूनकर जी! आपने कहा कि मेरा प्रोफ़ाइल ठीक नहीं है।अगर मुझे अपने पैरों पर दो रोटी कमाने के लिये बचे रहना है तो मेरा प्रोफ़ाइल ऐसे ही ठीक है। आप खुद अपने तन की सबसे अद्भुत अंग पर हाथ रखकर कसम खाकर कह दीजिये कि आपने कभी कोई ब्लॉग मेरे प्रोफ़ाइल जैसा नहीं बनाया ?
चिपलूनकर जी यहाँ पर ये महाशय बिलकुल ठीक हैं ,ये जनाब अपने खुद के एक कमेन्ट में खुद ही कह चुके हैं की ये डरपोक ,कायर और बुजदिल इंसान हैं ,आप खुद ही देखिये आपके और अनवर जी के इनके ब्लॉग पर सिर्फ एक बार आने का इनकी पैंट पर क्या असर हुआ है और इस घटना से हमारे स्वयं भू सत्य गौतम जी का विकर्त दिमाग भी और अधिक गड़बड़ा गया है , अब वे ये समझने लगें हैं की उनके पास भी अद्भुत अंग है , सत्य गौतम जी please ज़रा अपना लिंग परिक्षण करवाइए क्योंकि अब जब हम आपको सच्चाई बताएँगे तो आप कहेंगे की हम सच्चाई बताने में भी भेद-भाव करते हैं
स्वयम्भू सत्य गौतम जी उम्मीद है आपकी इच्छा पूरी की होगी,हाँ इस बात का मुझे भी अफ़सोस है की देर से कर पाया ,खैर देर आये दुरुस्त आये ...........ही ही ही
बढिया बातें, मेरे ब्लाग से आप अपनी मनपसन्द किताब पढ और पढवा सकतें हैं
Post a Comment