Wednesday, July 21, 2010

यह हक़ केवल ईश्वर अल्लाह का है

मैं अपने ब्लॉग की शुरआत डा. अनवर जमाल के विचारों से सहमत हो कर लिख रहा हूँ।
अपने लेख में उनका सवाल बिलकुल सही है और उसका जवाब देना भड़ास बिग्रेड और उनकी पूरी टीम का परम कर्तव्य बनता है उनको अपने कर्तव्य का पालन करते हुए यह बताना चाहिये कि वह कौन सी तकनीक या विधि है जिसकी वजह से

* शासक वर्ग लोगों को उनका वाजिब हक़ अदा करने के लिये खुद को बाध्य महसूस करे?
* और जनता जो मिले उस पर संतुष्ट हो जाये, फ़ालतू आंदोलन करके बवंडर खड़ा न करे ?
* और सबसे बड़ी बात यह कि ‘वाजिब हक़‘ क्या है यह कौन तय करेगा ?
* शासक या जनता ?

यह हक़ केवल ईश्वर अल्लाह का है लेकिन अगर आप उसका यह हक़ स्वीकार नहीं करते तो फिर आप यह काम अंजाम देकर दिखाएं। उसपर लोगों को संतुष्ट करके दिखाएं।
( डाo अनवर जमाल साहब के लेख से प्रेरित )